नालंदा एवं विक्रमशिला महाविहारों में शिक्षण प्रविधियाँ – बौद्ध धर्म के आलोक में
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प्रस्तुत शोध पत्र नालंदा और विक्रमशिला महाविहारों की शिक्षण प्रविधियों का बौद्ध धर्म के दार्शनिक आलोक में तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। ये दोनों महाविहार भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्रभावशाली शैक्षणिक केंद्र थे, जिन्होंने न केवल बौद्ध शिक्षा को आकार दिया बल्कि विश्वव्यापी ज्ञान परंपरा की स्थापना की। नालंदा (5वीं-12वीं शताब्दी) मुख्यतः महायान बौद्ध दर्शन, तर्कशास्त्र एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संवाद के लिए प्रसिद्ध था, जबकि विक्रमशिला (8वीं-12वीं शताब्दी) तांत्रिक बौद्ध धर्म और गहन दार्शनिक अनुसंधान का केंद्र था। इन संस्थानों की शिक्षण पद्धतियाँ करुणा, प्रज्ञा, तर्कशीलता और समग्र व्यक्तित्व विकास पर आधारित थीं, जो आधुनिक शिक्षाशास्त्र के लिए आज भी प्रासंगिक हैं।
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